भूमिगत जल की समस्या से निपटने के लिए वैश्विक विशेषज्ञों के बीच विचार-विमर्श: पंजाब और कैलिफोर्निया मिलकर समाधान निकालने के लिए प्रयासरत

भूमिगत जल की समस्या से निपटने के लिए वैश्विक विशेषज्ञों के बीच विचार-विमर्श: पंजाब और कैलिफोर्निया मिलकर समाधान निकालने के लिए प्रयासरत

चंडीगढ़, 30 मार्च:

भूमिगत जल स्तर में गिरावट की गंभीर चुनौती के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, फ्रेज़नो की एक टीम ने इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए पंजाब के कृषि विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया। डॉ. शैरेन एलिज़ाबेथ बेंस और डॉ. गुररीत सिंह बराड के नेतृत्व में आए उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने छह अंडरग्रेजुएट और मास्टर्स के छात्रों के साथ पंजाब राज्य किसान और खेत मजदूर आयोग (पी.एस.एफ.सी.) के साथ रणनीतिक विचार-विमर्श किया और इस चुनौती के समाधान के लिए तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।

यह ध्यान में रखते हुए कि पंजाब और कैलिफोर्निया दोनों ही पानी की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे कृषि और पशुपालन से जुड़ी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, यह बैठक जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई।

पी.एस.एफ.सी. के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह ने राज्य की कृषि नीति का विस्तृत विवरण देते हुए विज़िटिंग टीम के साथ भूमिगत जल के पुनर्भरण से जुड़ी रणनीतियों पर चर्चा की। इस दौरान, कृषि विभाग के पूर्व निदेशक श्री राजेश वशिष्ठ ने भूमिगत जल स्तर में गिरावट के आंकड़े प्रस्तुत किए और इसके समाधान के लिए विज्ञान-आधारित रिचार्ज नीतियों का प्रस्ताव दिया।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. बराड ने दोनों क्षेत्रों के बीच स्पष्ट समानताओं की चर्चा करते हुए जल स्रोतों में हो रही कमी की समस्या के समाधान के लिए ठोस रणनीतियाँ तैयार करने के प्रस्ताव का समर्थन किया।

डॉ. बेंस ने इस मुद्दे पर कैलिफोर्निया के अनुभव साझा करते हुए इस संकट की वैश्विक प्रकृति और सामूहिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।

बागवानी विभाग के पूर्व निदेशक और प्रमुख नीति-निर्माता डॉ. गुरकंवल सिंह ने कृषि को अधिक लाभदायक और टिकाऊ बनाने के लिए वैज्ञानिक वैश्विक समुदाय से एकजुट होने की अपील की। इस दौरान, डॉ. रंजोध सिंह बैंस और श्री मानवप्रीत सिंह ने पंजाब के कृषि ढांचे से जुड़े विभिन्न नीतिगत उपायों पर चर्चा कर वार्ता को आगे बढ़ाया।

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