विशेषज्ञ डॉक्टर की मदद से व्यक्ति बिना किसी दर्द के नशा छोड़ सकता है: डॉ. सैनी

विशेषज्ञ डॉक्टर की मदद से व्यक्ति बिना किसी दर्द के नशा छोड़ सकता है: डॉ. सैनी

फ़ाज़िल्का, 18 मार्च ():  स्वास्थ्य विभाग के कुशल नेतृत्व में जिले से नशे की बुराई को समाप्त करने के उद्देश्य से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं तथा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। सिविल सर्जन फाजिल्का डॉ. चंद्र शेखर, सहायक सिविल सर्जन डॉ. रोहित गोयल के कुशल नेतृत्व में तथा डीएफपीओ डॉ. कविता सिंह,  डॉ. महेश कुमार नोडल अधिकारी और सीनियर मेडिकल अफ़सर सीएचसी खुईखेड़ा डॉ. विकास गांधी की देखरेख में ब्लॉक में नशे की रोकथाम और उपचार पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजित लगातार जारी है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जरनल सर्जन डॉ. जतिंदर राज सिंह सैनी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग फाजिल्का द्वारा सिविल अस्पताल फाजिल्का और अबोहर में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां पर नशे के आदी व्यक्तियों को दाखिल कर विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में दर्द रहित और पूरी तरह से मुफ्त नशा मुक्ति की जाती है। इन नशा पुनर्वास केंद्रों पर सभी दवाएं और परीक्षण निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। कोई भी नशे का आदी व्यक्ति यहां 5 से 15 दिन रहने के बाद घर पर रहकर डाक्टर की सलाह अनुसार दवाईयां लेकर नशा छोड़ सकता है या फिर वह व्यक्ति पुनर्वास केंद्र जटवाली में प्रवेश कर सकता है, जहां उसे भोजन के साथ-साथ आवश्यक चिकित्सा सहायता भी बिल्कुल मुफ्त दी जाती है तथा वह व्यक्ति यहां 2 से 6 महीने तक रह सकता है, जहां उसकी रोजाना विशेषज्ञ परामर्शदाताओं द्वारा काउंसलिंग की जाती है ताकि वह दोबारा नशे का सहारा न ले।
उन्होंने कहा कि जिले में नशे के आदी लोगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर की मदद से कोई भी नशा करने वाला व्यक्ति बिना किसी परेशानी के नशा छोड़ सकता है। जो लोग अस्पताल में भर्ती होकर नशा नहीं छोड़ सकते, उनके लिए पंजाब सरकार जिले में 9 ओएटी सेंटर चला रही है, जहां नशा करने वाले लोगों को बिना भर्ती हुए नशा छोड़ने के लिए मुफ्त दवा दी जाती है।
बीईई सुशील कुमार ने इलाका निवासियो से अपील की कि वे अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखें, अपने समाज और दोस्ती का पूरा ध्यान रखें और अपने स्कूल के अध्यापकों से भी जानकारी लें। बच्चों के साथ जितना संभव हो सके उतना समय बिताएं और उन्हें खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। नशीले पदार्थ बेचने वाले असामाजिक तत्वों के बारे में पुलिस या जिला प्रशासन को सूचित करें।

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