बसंत पंचमी पर शादी के सबसे ज्यादा मुहूर्त क्यों होते हैं, क्या है कारण?
हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 2 फरवरी 2025, रविवार को है. इस खास अवसर पर विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा की जाती है. विवाह के लिए भी यह दिन शुभ होता है. बसंत पंचमी के दिन जिनका विवाह होता है उनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. बसंत पंचमी के दिन को अबूझ मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है.
बसंत पंचमी पर शादी के सबसे ज्यादा मुहूर्त क्यों होते है
जिन लोगों की शादी में रुकावट आ रही है वे बसंत पंचमी के दिन विवाह कर सकते है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन कोई दोष नहीं होता और वह श्रेष्ठ योग होता है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती के विवाह पूर्ण होने के बाद तिलक समारोह हुआ था और शादी की रस्मों की भी शुरुआत हुई थी. इस दिन विवाह के साथ अन्य कई शुभ काम किए सकते है जैसे- अक्षर अभ्यासम, विद्या आरंभ, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, घर खरीदना, बिजनेस की शुरुआत आदि.
ऐसे व्यक्ति जिनका कई कारणों से शादी नहीं हो पा रही.
शादी के लिए पुरुष और महिला दोनों के गुण आपस में नहीं मिल रहे हों.
कोई शुभ मुहुर्त नहीं निकल रहा हो.
तुरंत शादी नहीं हो रही हो.
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पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी की शुरुआत 2 फरवरी सुबह 9:14 से होगी और 3 फरवरी को सुबह 06:52 पर इसका समापन होगा. ऐसे में 2 फरवरी को पूजा के लिए पूरे दिन मुहूर्त रहेगा. इस दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष रूप से सुबह 7:09 से दोपहर 12:35 तक का समय अति उत्तम है.