Bhupinder Singh Hooda
हरियाणा में भाजपा जहां सभी 10 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है, वहीं कांग्रेस गुटबाजी से जूझती नजर आ रही है। कई दौर की स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग और सेंट्रल इलेक्शन कमीशन की मीटिंग के बाद भी कांग्रेस अभी तक उम्मीदवार फाइनल नहीं कर पाई है।
इसकी मुख्य वजह हरियाणा कांग्रेस के नेताओं में गुटबाजी को माना जा रहा है। जहां एक ओर बड़े नेता चुनाव लड़ने से पीछे हट रहे हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा लोकसभा चुनाव के बहाने अपने कांटे निकालने में लगे हैं।
बेटे दीपेंद्र हुड्डा को वह रोहतक से चुनाव लड़वाना चाहते हैं और खुद विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। मगर, वह कुमारी सैलजा और किरण चौधरी को लोकसभा टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं ताकि विधानसभा में उनका रास्ता साफ हो सके। कोई ऐसा दावेदार उनके सामने न बचे, जिससे उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में पड़ जाए।
कांग्रेस भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा से सीनियर लीडर किरण चौधरी को टिकट देना चाहती है। मगर, किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी को चुनाव लड़ाकर खुद विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। दूसरी ओर हुड्डा की कोशिश है कि कुमारी सैलजा भी विधानसभा चुनाव न लड़कर लोकसभा चुनाव लड़े। सिरसा लोकसभा सीट से सैलजा की टिकट कन्फर्म मानी जा रही है। सैलजा भी इससे पहले लोकसभा चुनाव न लड़कर विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी हैं।
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हाल ही में किरण चौधरी की दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की सीनियर लीडर सोनिया गांधी से मुलाकात हुई है। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि किरण चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। हालांकि विधायक राव दान सिंह भी टिकट की रेस में हैं, लेकिन किरण चौधरी के कद के सामने वह कहीं नहीं ठहरते। वहीं अंदर खाते हुड्डा भी यही चाहते हैं कि किरण लोकसभा चुनाव लड़े।
Bhupinder Singh Hooda