सीमा पार से नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए एंटी-ड्रग कैबिनेट उप-समिति ने एंटी-ड्रोन तकनीक के ट्रायल लिए
चंडीगढ़, 4 मार्च:
युद्ध नशे दे विरुद्ध मुहिम की अगुवाई कर रही कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन और वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज घोषणा की कि पंजाब सरकार द्वारा नशों के खिलाफ छेड़ी गई निर्णायक जंग के तहत पंजाब पुलिस को जल्द ही सरहद पार से होने वाली नशों की तस्करी को रोकने के लिए अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीक उपलब्ध करवाई जाएगी।
उन्होंने यह घोषणा पंजाब पुलिस द्वारा पीसीए स्टेडियम, मुल्लांपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में की गई, जहां सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की तीन कंपनियों ने अपनी अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीकों का प्रदर्शन किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा, पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव और अन्य वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि तीनों कंपनियों ने पाकिस्तान से लगती चुनौतीपूर्ण सीमा पर नशीले पदार्थों, हथियारों और विस्फोटकों की ड्रोन के जरिए हो रही तस्करी को रोकने के लिए अपनी अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों द्वारा प्रदर्शित एंटी-ड्रोन तकनीकों में पोर्टेबल, मोबाइल और स्टेशनरी टेक्नोलॉजी शामिल हैं, जो विभिन्न दूरियों से ड्रोन को पहचानने और रोकने में सक्षम हैं।
उन्होंने बताया कि ये तकनीकें ड्रोन को हवा में ही निष्क्रिय करने और गिराने के लिए इस तरह से विकसित की गई हैं, जिससे सरहद पार से ड्रग सप्लाई को पूरी तरह रोका जा सके। यह पहल पंजाब सरकार द्वारा नशों के खात्मे के लिए छेड़ी गई "युद्ध नशों के विरुद्ध" मुहिम को और मजबूत करेगी।
सार्वजनिक या निजी क्षेत्र से नवीनतम एंटी-ड्रोन तकनीक को अपनाने की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का धन्यवाद करते हुए एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब पुलिस के विशेषज्ञ जल्द ही केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से सलाह-मशविरा कर आवश्यक प्रणालियों और उपकरणों की खरीद को अंतिम रूप देंगे।
कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरहद पार से हो रही नशों और हथियारों की तस्करी को रोकना केंद्र सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर का क्षेत्र बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आता है, लेकिन अभी तक उनकी कोशिशें में 100 प्रतिशत सफल नहीं हुई हैं।
उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य सीमा पार से आतंकवाद, विशेष रूप से नार्को-टेररिज्म की नापाक कोशिशों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए पंजाब की दूसरी रक्षा पंक्ति को और मजबूत करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए रणनीति तैयार कर ली है और पंजाब के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फंड की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने की यह मुहिम मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल की सोच के अनुरूप चलाई जा रही है।
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