मुख्यमंत्री द्वारा अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों को लाने वाले विमान को फिर से अमृतसर में उतरने संबंधी केंद्र के फैसले का जोरदार विरोध

मुख्यमंत्री द्वारा अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों को लाने वाले विमान को फिर से अमृतसर में उतरने संबंधी केंद्र के फैसले का जोरदार विरोध

अमृतसर, 14 फरवरीः

भारत सरकार द्वारा अमेरिका से गैर-कानूनी प्रवासी भारतीयों को लेकर आ रहे विमान को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतारने के फैसले का जोरदार विरोध करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस कदम को पंजाब और पंजाबियों को बदनाम करने की केंद्र सरकार की गहरी साजिश बताया।

आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को भारत के लिए सबसे ज्यादा अनाज पैदा करने वाला और देश की खड़गभुजा के रूप में जाना जाता है, लेकिन भाजपा की अगुआई वाली सरकार ने सूबे को बदनाम करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को लेकर आने वाले विमान को अमृतसर में उतारना भारत सरकार की विश्व स्तर पर पंजाब की छवि को खराब करने की एक सोची समझी साजिश है। भगवंत सिंह मान ने विदेश मंत्रालय द्वारा अमृतसर को यह विमान उतारने के लिए चुनने पर सवाल उठाया जब देश में सैकड़ों अन्य हवाई अड्डे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले ही विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के पास यह मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन उनसे कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले भी एक विमान अमृतसर उतरा था और अब दो अन्य विमानों को बिना किसी ठोस तर्क के उतारा जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबियों को इस लिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी पंजाबियों को पसंद नहीं करती, जबकि यह सच भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि भारतीय आजादी संघर्ष के दौरान शहीद हुए, जेलों में बंद हुए या निर्वासित किए गए 90 फ़ीसदी से अधिक लोग पंजाब से थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह स्पष्ट करे कि पंजाब खासकर अमृतसर को ही क्यों चुना गया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी दुश्मन देश अमृतसर से 40 किलोमीटर दूर होने के बावजूद अमेरिका का एक सैन्य विमान यहां उतारा जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जब राज्य सरकार यहां अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत करने की मांग करती है तो कई बेकार कारणों के चलते मांग को रद्द कर दिया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की छवि को खराब करने के लिए डिपोर्ट किए गए लोगों को लेकर जाने वाले विमान को बिना किसी तर्क के यहां उतारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर जाने वाले विमान को हिंडन हवाई अड्डे पर उतारा जा सकता है और राफेल जेट को अंबाला में उतारा जा सकता है, तो इस विमान को देश के किसी अन्य हिस्से में क्यों नहीं उतारा जा सकता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि गैर-कानूनी इमीग्रेशन सिर्फ पंजाब की ही समस्या नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय समस्या है और इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पंजाब ही इससे बुरी तरह प्रभावित है, इसलिए सिर्फ पंजाबियों को ही अमेरिका से डिपोर्ट किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘अपने आपको विश्व गुरु’ बताने वाले भारतीयों के अधिकारों की सुरक्षा में असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह देश की विदेश नीति की बड़ी असफलता है क्योंकि जिस समय मोदी अपने दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हाथ मिला रहे थे, उसी समय जंजीरों में जकड़े भारतीयों को फौजी के जहाज द्वारा डिपोर्ट किया जा रहा था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस दौरे में अपनी आत्म-प्रशंसा के अलावा मोदी ने कुछ भी नहीं हासिल किया और ट्रम्प ने जंजीरों में जकड़े भारतीयों को उनकी मातृभूमि पर भेजकर मोदी को वापसी का तोहफा दिया है।

मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार डिपोर्ट किए गए इन भारतीयों की सम्मानजनक वापसी को सुनिश्चित नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि हमारे देश के यह बच्चे पिछले सात दशकों से देश में प्रचलित इस प्रणाली के शिकार हो रहे हैं जहां गैर-कानूनी प्रवास ने अपने पैर पसारे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत शर्मनाक है कि संकट के इस क्षण में उनका साथ देने के बजाय, मोदी सरकार ने उन्हें अनदेख कर दिया है जो कि बिलकुल भी जायज़ नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश पर लौटने पर इन भाइयों-बहनों का सम्मान किया जाना चाहिए था और भारत सरकार को उन्हें वापस लाने के लिए अपना विमान भेजना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उनकी सम्मानजनक वापसी को सुनिश्चित करने की बजाए केंद्र सरकार ने भारतीयों को ज़लील किया है, जिसके लिए उन्हें कभी भी माफ नहीं किया जा सकता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबी हमेशा केंद्र सरकार की खराब नीतियों के खिलाफ खड़े रहे हैं, इसलिए भाजपा और इसकी सरकार पंजाबियों से नफरत करती है और उन्हें बदनाम करने की साजिशें रचने पर तुली हुई है।

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