सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत खेल सामग्री वितरण एवं बॉर्डरमैन मैराथन 2025 का फ्लैग ऑफ समारोह आयोजित

सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत खेल सामग्री वितरण एवं बॉर्डरमैन मैराथन 2025 का फ्लैग ऑफ समारोह आयोजित

फाजिल्का , 22 फरवरी 2025:
 19 बटालियन सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा सिविक एक्शन कार्यक्रम के अंतर्गत खेल सामग्री वितरण एवं बॉर्डरमैन मैराथन 2025 के प्रतिभागियों के फ्लैग ऑफ समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गवर्नमेंट प्राइमरी स्मार्ट स्कूल, गांव मौजम में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन श्री सुनील सोइबम, कमांडेंट, 19 बटालियन बीएसएफ ने किया।

कार्यक्रम में ग्रामीणों की भागीदारी

इस कार्यक्रम में लगभग 60 ग्रामीणों ने भाग लिया, जो गांव महारसोना, मुहर जमशेर, रेतावाली भैणी, झंगर भैणी, तेजा रुहेला, गुलाबा भैणी, मौजम, फाजिल्का एवं अबोहर से आए थे। इनके अलावा, संबंधित गांवों के सरपंचों एवं पंचायत सदस्यों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। साथ ही, आगामी बॉर्डरमैन मैराथन-2025 में भाग लेने वाले 42 ग्रामीण प्रतिभागी एवं 19 बटालियन बीएसएफ के 24 प्रतिभागी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

खेल सामग्री का वितरण

कार्यक्रम के दौरान, बॉर्डरमैन मैराथन 2025 में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को 42 जोड़ी खेल जूते, जिनकी कुल कीमत ₹26,292 थी, वितरित किए गए। यह मैराथन 23 फरवरी 2025 को अमृतसर में आयोजित होगी, जिसमें 42 किलोमीटर, 21 किलोमीटर एवं 10 किलोमीटर की दौड़ आयोजित की जाएगी।

कमांडेंट द्वारा युवाओं को प्रोत्साहन

इस अवसर पर कमांडेंट श्री सुनील सोइबम ने युवाओं के देशभक्ति के जज्बे और खेल के प्रति उत्साह की सराहना की। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि देश की प्रगति में उनका योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षा के महत्व को भी रेखांकित करते हुए ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें और खेल गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए उत्साहित करें, जिससे उनका मानसिक एवं शारीरिक विकास हो सके।

इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय लोगों को आश्वस्त किया कि बीएसएफ हमेशा उनकी भलाई एवं सहायता के लिए तत्पर रहेगा।

बॉर्डरमैन मैराथन 2025 के प्रतिभागियों का फ्लैग ऑफ

कार्यक्रम के समापन के पश्चात कमांडेंट श्री सुनील सोइबम ने बॉर्डरमैन मैराथन-2025 में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को अमृतसर के लिए फ्लैग ऑफ किया।

यह आयोजन न केवल खेलों को बढ़ावा देने का एक प्रयास था, बल्कि बीएसएफ और स्थानीय समुदाय के बीच सौहार्द एवं सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी थी।

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