पंजाब का पहला मूंगफली प्रसंस्करण यूनिट सिट्रस एस्टेट भूंगा में होगा स्थापित, डिप्टी कमिश्नर ने 7.50 लाख रुपए का चेक सौंपा

पंजाब का पहला मूंगफली प्रसंस्करण यूनिट सिट्रस एस्टेट भूंगा में  होगा स्थापित, डिप्टी कमिश्नर ने 7.50 लाख रुपए का चेक सौंपा

होशियारपुर, 8 अप्रैल: कंडी क्षेत्र में मूंगफली की खेती को बड़ा बढ़ावा देने के लिए सिट्रस एस्टेट, भूंगा में पंजाब का पहला मूंगफली प्रसंस्करण यूनिट स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने 7.50 लाख रुपए का चेक सौंपा।

डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने सिट्रस एस्टेट के चेयरमैन-कम-सीईओ जसपाल सिंह ढेरी, कमेटी सदस्य परमजीत सिंह कालूवाहर, सलाहकार अरविंद सिंह धूत को चेक सौंपते हुए कहा कि मूंगफली प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना से राज्य सरकार द्वारा फसली विविधता के लिए किए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रसंस्करण यूनिट मूंगफली उत्पादकों की तकनीकी, मार्केटिंग और आवश्यक उपकरणों की जरूरतों को पूरा करेगा और साथ ही उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगा। आशिका जैन ने कहा कि जिला प्रशासन ने पहले ही पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी को मूंगफली के संरक्षण पर विस्तृत शोध के लिए शामिल किया है, जो इस क्षेत्र के मूंगफली उत्पादकों के लिए लाभकारी होगा।

बागवानी विभाग के सहायक निदेशक जसपाल सिंह ढेरी और परमजीत सिंह कालूवाहर ने डिप्टी कमिश्नर को बताया कि सिट्रस एस्टेट मूंगफली उत्पादक किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज और समय-समय पर तकनीकी सहायता प्रदान करेगा ताकि इस रेतीली मिट्टी वाले क्षेत्र में सर्वोत्तम मूंगफली की खेती की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना से किसानों की आय बढ़ाने के लिए सिट्रस एस्टेट द्वारा बड़े पैमाने पर मंडीकरण के अवसर प्रदान किए जाएंगे। ढेरी ने कहा कि यह प्रसंस्करण यूनिट मूंगफली, फलों और सब्जियों के सीधे मंडीकरण को सुनिश्चित करेगा और साथ ही संयंत्र पर भूनने और कोटिंग की सुविधा के अलावा किसानों की उपज को सीधे बेचने के लिए खुदरा आउटलेट भी स्थापित करेगा।

डॉ. अरविंद सिंह धूत ने कहा कि यह प्रसंस्करण यूनिट मूंगफली के खेती योग्य क्षेत्र को बढ़ाने में भी सहायक होगी, जो एक दशक पहले 2015-16 में लगभग 8000 एकड़ के करीब था और वर्तमान में 3000 एकड़ पर मूंगफली की खेती हो रही है। उन्होंने कहा कि कांडी क्षेत्र में इस फसल के लिए सबसे अच्छा पर्यावरण और मिट्टी है और मूंगफली की खेती में पानी की कम खपत होती है। उन्होंने कहा कि किसान साल में दो बार इस फसल का लाभ प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि एक मौसम के लिए 120-130 दिन लगते हैं। इस अवसर पर प्रगतिशील किसान कैप्टन हरतेग सिंह और हरविंदर सिंह भी मौजूद थे।

Tags: