ASI को रिष्वत लेते पकड़ा ! कई और अधिकारी CBI की रडार पर
चंडीगढ़ पुलिस के भ्रष्टाचार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। एक बड़ी कार्रवाई में CBI ने ISBT-43 में तैनात ASI शेर सिंह को 4500 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह एक माह में सीबीआई का चंडीगढ़ पुलिस पर दूसरा ट्रैप था।
इससे पहले, चंडीगढ पुलिस की एक यूनिट में तैनात कॉन्स्टेबल और अफसर भी सीबीआई के निशाने पर थे, लेकिन उन्हें समय रहते भनक लग गई, जिससे वह ट्रैप सफल नहीं हो पाया। इस पूरे मामले की जानकारी चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी है।
आईएसबीटी-43 में तैनात एएसआई शेर सिंह ने बुड़ैल के रहने वाले दविंदर से डेढ़ लाख रुपए के चेक बाउंस मामले में गिरफ्तारी से बचाने के लिए रिश्वत की मांग की थी। दविंदर ने इसकी शिकायत सीबीआई सेक्टर-30 में दर्ज कराई। सीबीआई ने शेर सिंह की रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग कर ली और सोमवार शाम करीब 4:30 बजे एक बिचौलिए के माध्यम से चौकी में ही ट्रैप लगा दिया। जब शेर सिंह के हाथ धुलवाए गए, तो उन पर रंग चढ़ गया।
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई कई दिनों से पुलिस के कुछ अधिकारियों पर नजर बनाए हुए थी। एजेंसी के पास पुख्ता सबूत मौजूद थे, जिनमें रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग भी शामिल थी। यह मामला एक आपराधिक केस से जुड़ा हुआ है और सीबीआई अभी भी इसकी जांच में जुटी हुई है।
चंडीगढ़ पुलिस में भ्रष्टाचार को लेकर डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव पहले ही सख्त चेतावनी जारी कर चुके हैं। पदभार संभालने के बाद उन्होंने कॉन्स्टेबल से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक से मुलाकात कर स्पष्ट कर दिया था कि पुलिस का काम लोगों की सेवा करना है, न कि अपराधियों से साठगांठ करना। उन्होंने कहा था कि जो भी रिश्वत लेते पकड़ा जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
इससे पहले क्राइम ब्रांच के कांस्टेबल युद्धबीर, डीएसपी एसपीएस सौंधी और डीजीपी को बदनाम करने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों ओमप्रकाश, जसपाल और महिला कॉन्स्टेबल जसविंदर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
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