Work परमिट पर कनाडा भेजने के नाम पर पति-पत्नी व बेटे से 30 लाख रुपये ठगे

Work परमिट पर कनाडा भेजने के नाम पर पति-पत्नी व बेटे से 30 लाख रुपये ठगे

जहां कथित तौर पर फर्जी तरीके से अमेरिका गए राज्य के लोगों को वहां की सरकार ने हथकड़ी लगाकर वापस भेज दिया, वहीं कथित फर्जी एजेंट अभी भी ऐसी चालों से बाज नहीं आ रहे हैं और विदेश जाने के इच्छुक लोगों को अपनी कथित ठगी का शिकार बना रहे हैं। ताजा मामला फरीदकोट जिले के शहर कोटकपूरा में रहने वाले एक परिवार का है, जहां फरीदकोट पुलिस ने इमिग्रेशन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्होंने कनाडा में वर्क परमिट वीजा लगवाकर विदेश भेजने के नाम पर एक परिवार के तीन सदस्यों से 30 लाख रुपये की ठगी की है। मामले में बहू सहौरा का नाम शामिल है। पुलिस दावा कर रही है कि दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा, जबकि पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है और जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है, उन्हें पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है।

 बातचीत के दौरान कोटकपूरा निवासी इकबाल सिंह ने बताया कि कोटकपूरा के फन प्लाजा स्थित आउट सेट इमीग्रेशन के मालिकों ने उसे तथा उसकी पत्नी व बेटे को अपना कैनेडियन वर्क परमिट वीजा लगवाकर कनाडा भेजने के लिए 30 लाख रुपये लिए थे। उन्होंने बताया कि पहले उक्त इमीग्रेशन संस्था के मालिकों ने उन्हें अपना वर्क परमिट वीजा दे दिया और जब वह कनाडा गए तो उन्हें पता चला कि उन्हें ऐसा वीजा दिया गया है जिसके तहत वह कनाडा में कहीं भी काम नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस संबंधी वीजा अप्लाई करने वाले इमीग्रेशन एजेंट से बात की तो कनाडा में इमीग्रेशन का काम करने वाली उसी कंपनी का प्रतिनिधि हरप्रीत सिंह नामक व्यक्ति उनके पास आया और उन्हें धमकियां देने लगा। इकबाल सिंह ने बताया कि जब उन्हें लगा कि मामला बिगड़ रहा है तो वह पंजाब वापस आ गए और इमीग्रेशन एजेंट से बात की। अधिकारियों से उलझने के बाद वह वापस कनाडा भेजने और अपने बेटे को वर्क परमिट वीजा दिलवाने के लिए राजी हो गए, लेकिन फिर उक्त एजेंट ने मना कर दिया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और छह महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद फरीदकोट पुलिस ने 2 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी नवजोत सिंह, जो इमिग्रेशन चलाता है, जो सरकारी कर्मचारी भी है, का नाम इस मामले में नहीं लिया, जबकि वह सारा काम देखता है और अक्सर सुरिंदर सिंह के साथ दफ्तर में बैठकर लोगों को वीजा दस्तावेज देता है, वीडियो बनाता है और उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करता है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को नामजद किया गया है, उन्हें भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। उन्होंने मांग की कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए तथा जिन लोगों को पुलिस ने जानबूझकर मामले से बाहर रखा है, उनका भी नाम उजागर किया जाए तथा उन्हें न्याय दिलाया जाए।

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 इस पूरे मामले पर बात करते हुए एसएचओ थाना सिटी कोटकपूरा मनोज कुमार ने बताया कि आउट सेट इमीग्रेशन कंपनी के दो मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। एक व्यक्ति को छोड़े जाने पर उन्होंने कहा कि इकबाल सिंह ने जिस व्यक्ति के बारे में बयान दिया है, उसकी इस काम में कोई संलिप्तता जांच में सामने नहीं आई है, हालांकि अभी जांच जारी है और अगर कोई व्यक्ति इसमें संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।