3.50 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए होम्योपैथिक डॉक्टर विजीलेंस ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार

चंडीगढ़, 4 अप्रैलः
पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत शुक्रवार को अमृतसर जिले के रईया निवासी एक प्राइवेट होम्योपैथिक डॉक्टर, डॉ. अरविंद कुमार को तरनतारन में 3.50 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
आज यहां यह जानकारी देते हुए राज्य विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि यह गिरफ्तारी पटियाला जिले के कस्बा पातड़ां के निवासी अशोक कुमार द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत के आधार पर की गई है। शिकायत के अनुसार, डॉ. अरविंद कुमार ने शुरुआत में डॉ. सुमित सिंह, जो वर्तमान में माणांवाला, अमृतसर में सीनियर मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) के रूप में तैनात हैं, की तरफ से 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। यह रिश्वत कथित तौर पर एक चल रहे अदालत केस में शिकायतकर्ता के पक्ष में डॉ. सुमित सिंह की गवाही के बदले मांगी गई थी। बाद में यह रकम घटाकर 3.50 लाख रुपये कर दी गई।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि यह मामला एसएमओ राजेश कुमार की शिकायत के आधार पर पातड़ां थाना में पीएनडीटी एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत अशोक कुमार और अन्य के खिलाफ दर्ज केस से संबंधित है। डॉ. सुमित सिंह इस केस में एक मुख्य गवाह हैं।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद, विजीलेंस ब्यूरो की टीम ने तरनतारन में डॉ. अरविंद कुमार को उस समय ‘सरहदी लोक सेवा समिति’ नामक एक राष्ट्रीय स्तर की समिति, जो कि सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों की भलाई, खासकर दहेज के मामलों और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करती है, के दफ्तर में मौजूद थे, को दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 3.50 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। सबूत के तौर पर पेश की गई ऑडियो रिकॉर्डिंग्स में रिश्वत की मांग की पुष्टि हुई, जिसके चलते गिरफ्तारी संभव हुई। इस संबंध में डॉ. अरविंद कुमार के खिलाफ मोहाली स्थित विजीलेंस ब्यूरो पुलिस स्टेशन, पंजाब के फ्लाइंग स्क्वॉड-1 में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपी को कल सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है और डॉ. सुमित सिंह व अन्य संबंधित व्यक्तियों की भूमिका की पूरी तरह से जांच की जाएगी।