थाईलैंड-म्यांमार में आई भूकंप से तबाही तो PM मोदी ने बढ़ाया मदद का हाथ

थाईलैंड में आए भीषण भूकंप के बाद बैंकॉक में मची तबाही से दुनिया हिल गई है. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से भी इसपर रिएक्शन सामने आया. भूकंप का केंद्र म्यांमार है. पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा मैं म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं. सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं. भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है. साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है. पीएम मोदी अगले महीने 3 और 4 अप्रैल को BIMSTEC समिट में हिस्सा लेने के लिए थाईलैंड की राजधानी बेंकॉक पहुंच रहे हैं.
https://twitter.com/narendramodi/status/1905534514505678980
म्यांमार और थाईलैंड में शक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे यह खतरनाक भूकंप आया। रिएक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता के भूकंप से लोग दहल गए। ऊंची-ऊंची इमारतें ताश के पत्तों की तरह जमीदोज होती नजर आने लगी. सोशल मीडिया पर बैंकॉक सहित अन्य हिस्सों से सामने आ रहे वीडियो में जान बचाकर भागते लोगों की आंखों में दहशत साफ नजर आई. इस भूकंप के चलते अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. भूकंप के झटके दिल्ली तक महसूस किए गए. बांग्लादेश, चीन, लाओस और थाइलैंड और भारत में भी इस भूकंप के चलते धरती ढोली. भारत में भी लोगों के घरों की खिड़कियों, पंखे हिलते हुए नजर आए. म्यांमार में दूसरे विश्व युद्ध के जमाने का नदी पर बना ब्रिज इस भूकंप के चलते जलमग्न हो गया. हालांकि भूकंप का सबसे ज्यादा प्रभाव थाइलैंड में दिख रहा है.
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अगले महीने तीन और चार अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड जा रहे हैं. विदेश मंत्रालय का कहना है कि थाइलैंड की पीएम पायतोंगटार्न शिनावात्रा के न्योते पर प्रधानमंत्री मोदी वहां जा रहे हैं. पीएम वहां बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे. थाईलैंड और फिर श्रीलंका दौरे का मकसद क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना, द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और भारत की ‘नेबर फर्स्ट’ और “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” (Act East Policy) को आगे ले जाना है.
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