पंधेर समेत कई किसान नेता 8 दिन बाद रिहा

पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिए किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़ समेत कई किसानों को 8 दिन बाद गुरुवार देर रात पटियाला और मुक्तसर जेल से रिहा कर दिया।
जेल से निकलकर सरवण सिंह पंधेर ने कहा, 'मैं पटियाला के बहादुरगढ़ किले जाऊंगा। वहां अपने साथी किसानों से बात करेंगे। सरकार ने जो हमारा खनौरी और शंभू बॉर्डर पर मोर्चा हटाया, हम उसकी कड़ी निंदा करेंगे। आज साथी किसानों से अगले प्रोग्राम के बारे में चर्चा करेंगे।'
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पुलिस ने पटियाला के एक प्राइवेट अस्पताल में रखा है। पुलिस का कहना है कि डल्लेवाल हिरासत में नहीं हैं।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल की हालत नाजुक है। 19 मार्च के बाद उन्होंने पानी की एक बूंद भी नहीं पी। उनसे बोला भी नहीं जा रहा।
उधर, किसानों को हिरासत में लेने के विरोध में आज SKM केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ पंजाब में DC ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेगा। सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक किसान DC को राष्ट्रपति और केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
पंजाब सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने हरियाणा-पंजाब के शंभु और खनौरी बॉर्डर से प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया है और राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) को यातायात के लिए पूरी तरह खोल दिया गया है। पंजाब के महाधिवक्ता (AG) गुरमिंदर सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत और एनके सिंह की बेंच को जानकारी दी कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है। डल्लेवाल पिछले साल नवंबर से भूख हड़ताल पर थे। एजी सिंह ने बताया, "श्री डल्लेवाल ने आज पानी ग्रहण कर उपवास तोड़ा।"
पंजाब सरकार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। दरअसल, पंजाब प्रशासन पर यह आरोप था कि उन्होंने कोर्ट के पिछले साल दिए गए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश का उल्लंघन कर किसानों को बॉर्डर से हटाया। लेकिन बेंच ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं सरकार से हाईवे खुलवाने को कह रहा था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अवमानना याचिकाकर्ता के वकील अंग्रेज सिंह से कहा, "हम पहले से ही सरकार से हाईवे खोलने को कह रहे थे। यह अवमानना याचिका गलतफहमी पर आधारित है।" इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
कांग्रेस विधायक ने राणा गुरजीत सिंह ने शून्य कॉल में किसानों का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में पिछले दिनों शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को उठाया गया है। उससे लोगों के मनों में ठेस है। मेरा सुझाव है कि डल्लेवाल कहां है, किस अस्पताल में है। एक अच्छा मैसेज देने के लिए उनके परिवार को उनसे मिलने देना चाहिए। ताकि लोगों के मनो में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेताओं ने का कहना है कि SKM के प्रदर्शन में उनके सभी किसान नेता शामिल होंगे। 31 मार्च को मंत्रियों के घरों का घेराव किया जाएगा। अमृतसर में हरभजन सिंह ईटीओ और कुलदीप सिंह धालीवाल का घेराव किया जाएगा।
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इस दौरान सरकार से मांग की जाएगी कि सभी किसान नेताओं को रिहा किया जाए और किसानों की जब्त की गई ट्रॉलियों की भरपाई सरकार करे। नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं की जातीं। पुलिस एक्शन के बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर से चोरी हुई ट्रॉलियों को खोजने के लिए एक रिकवरी कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी सभी जिलों के स्थानीय प्रशासन से संपर्क में रहेगी।
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