भारत सरकार केंद्रीय जल जीवन मिशन के तहत पंजाब के लंबित पड़े 111.13 करोड़ रुपये की धनराशि तुरंत जारी करे: मुंडिया
चंडीगढ़/उदयपुर, 19 फरवरी
पंजाब के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री स हरदीप सिंह मुंडिया ने भारत सरकार से जल जीवन मिशन के तहत पंजाब के लंबित पड़े 111.13 करोड़ रुपये की धनराशि तुरंत जारी करने की मांग की है, ताकि पानी की गुणवत्ता से प्रभावित गांवों को नहरी पानी उपलब्ध कराने की दिशा में शुरू की गई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने जल्द जारी करने का आश्वासन दिया।
स मुंडिया राजस्थान के उदयपुर शहर में आयोजित 'भारत 2047: एक जल-सुरक्षित राष्ट्र' विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्यवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इस दिशा में बड़े लक्ष्य हासिल किए गए हैं।
स मुंडिया ने सम्मेलन के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल के समक्ष राज्य की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों से पंजाब के भूमिगत जल में यूरेनियम, आर्सेनिक, सेलेनियम आदि निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा में पाए गए हैं। इस कारण प्रभावित गांवों में नहरी पानी उपलब्ध कराने के लिए 2200 करोड़ रुपये की लागत से 15 सतही जल परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिससे 25 लाख ग्रामीण निवासियों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिलेगा। ये परियोजनाएं चरणबद्ध तरीके से पूरी हो रही हैं। इन्हें समय पर पूरा करने के लिए भारत सरकार से आवश्यक धनराशि तुरंत जारी करने की मांग की गई है।
पंजाब के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने 'हर घर जल' मिशन के तहत राज्य की 100 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को अप्रैल 2023 में ही नल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य प्राप्त कर लिया था। यह लक्ष्य हासिल करने वाला पंजाब देश का पांचवां राज्य है, जबकि पूरे देश ने यह लक्ष्य मार्च 2024 में पूरा किया। अब पंजाब सरकार का अगला लक्ष्य ग्रामीण आबादी को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराना है।
पंजाब द्वारा किए जा रहे अनुकरणीय कार्यों का विवरण देते हुए स मुंडिया ने कहा कि पंजाब ने 2009 में शिकायत निवारण केंद्र की स्थापना की थी, जिसमें 31 जनवरी 2025 तक कुल 1,38,331 शिकायतें प्राप्त हुईं और उनमें से 99.70 प्रतिशत का सफल समाधान किया गया। स मुंडिया ने आगे कहा कि राज्य ने तकनीकी प्रणाली के माध्यम से जल आपूर्ति योजनाओं की उच्च स्तरीय निगरानी के लिए आईओटी और एससीएडीए जैसी परियोजनाओं को अपनाया है, जिससे जल आपूर्ति योजनाओं की सटीक निगरानी की जा सके।
जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाए रखने के लिए समाज की भागीदारी, विशेषकर महिलाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए पंजाब के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ने कहा कि इस दिशा में राज्य में कई कदम उठाए गए हैं, जैसे कि सरकार ने ग्राम पंचायत जल एवं स्वच्छता समितियों में न्यूनतम 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी को अनिवार्य किया है।
जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ने कहा कि भारत को 'एक जल-सुरक्षित राष्ट्र' बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे समाज की भागीदारी आवश्यक है, ताकि भविष्य में हर पीढ़ी के लिए स्वच्छ और पेयजल उपलब्ध हो सके। इस मिशन को पूरा करने के लिए पंजाब सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री, अधिकारी और विभिन्न राज्यों के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री सहित पंजाब के कैबिनेट मंत्री के साथ जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव नीलकंठ एस. अवहाड भी उपस्थित थे।