भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर पंजाब के विभिन्न जिलों से 52 पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया गया
चंडीगढ़, 19 फरवरी:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत, जनसेवा में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी पर जोर देते हुए, सभी जिलों के पुलिस कमिश्नरों और सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (सीपीज़/एसएसपीज़) ने भ्रष्ट गतिविधियों, दुर्व्यवहार, आपराधिक गतिविधियों या लंबे समय से गैरहाजिर रहने वाले 52 पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया है। यह जानकारी बुधवार को डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब, गौरव यादव ने दी।
बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारियों में एक इंस्पेक्टर, पांच सहायक सब-इंस्पेक्टर, चार हेड कांस्टेबल और विभिन्न जिलों में तैनात 42 कांस्टेबल शामिल हैं।
डीजीपी गौरव यादव, जो यहां पंजाब पुलिस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे, ने कहा कि संबंधित जिलों और कमिश्नरेट के सीपीज़/एसएसपीज़ उन मामलों की पहचान कर रहे हैं, जिनमें पुलिस अधिकारी एफआईआर में वांछित हैं, गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं या भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारी साक्ष्यों की गहराई से जांच कर रहे हैं और प्रत्येक मामले में उचित कार्रवाई के लिए आवश्यक प्रक्रिया अपना रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हाल ही में, फरीदकोट जिले के थादा सादिक के एक स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) और दो कांस्टेबलों को जबरन वसूली में शामिल पाए जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पंजाब पुलिस की भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस नीति' की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, डीजीपी ने कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "पंजाब पुलिस में काली भेड़ों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
पंजाब पुलिस जल्द शुरू करेगी ई-एफआईआर सुविधा
पंजाब पुलिस के आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी साझा करते हुए, डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पंजाब पुलिस मोटर वाहन चोरी के लिए ई-एफआईआर सुविधा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या सांझ केंद्रों पर जाकर वाहन चोरी से संबंधित एफआईआर दर्ज करवा सकेंगे।
डीजीपी ने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्य स्तर पर एक ई-पुलिस स्टेशन भी स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हम राज्य सरकार के माध्यम से माननीय हाईकोर्ट से प्रत्येक जिले में ई-कोर्ट अधिसूचित करने का अनुरोध भी करेंगे।"
उन्होंने बताया कि ई-एफआईआर प्रोजेक्ट का उद्देश्य जनता के पुलिस के साथ सीधे संपर्क को कम करना और तकनीक के माध्यम से नागरिक-अनुकूल सेवाएं प्रदान करना है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में भी पंजाब पुलिस ‘सांझ प्रोजेक्ट’ के तहत 43 पुलिस सेवाएं ऑनलाइन प्रदान कर रही है।
डीजीपी गौरव यादव ने आगे कहा कि पंजाब पुलिस ने इंडियन पुलिस फाउंडेशन के सहयोग से आंतरिक पुलिस सुधारों को लेकर एक प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिससे पंजाब ऐसा प्रोजेक्ट शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है। यह प्रोजेक्ट, जिसे पहले एसएएस नगर और रूपनगर में शुरू किया गया था, अब फतेहगढ़ साहिब और खन्ना सहित दो और जिलों में भी लागू किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यह महत्वपूर्ण पहल शिकायत/एफआईआर पंजीकरण को बेहतर बनाने, पुलिस की प्रतिक्रिया, व्यवहार और आचरण को सुधारने, परेशानी को कम करने, नागरिक सेवाओं को बढ़ाने और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मियों का जिला-वार विवरण:
जिलावार बर्खास्त किए गए आरोपियों का डाटा
सी पी अमृतसर
सी पी जालंधर 2
सी पी लुधियाना 4
बटाला 2
बठिंडा 2
फतेहगढ़ साहिब 1
फाजिल्का 2
फरीदकोट3
फिरोजपुर 1
गुरदासपुर 1
होशियारपुर 4
जालंधर देहाती 2
कपूरथला 4
खन्ना 1
लुधियाना देहाती 3
मानसा 1
मलेरकोटला 1
पठानकोट 1
पटियाला 5
रूपनगर 1
श्री मुक्तसर साहिब 2
संगरूर 2
एस ए एस नगर 2
एसबीएस नगर 1
तरनतारन 2