मनरेगा श्रमिकों को बी.ओ.सी. वेलफेयर बोर्ड में शामिल करने की योजना: तरुनप्रीत सिंह सौंद
By NIRPAKH POST
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चंडीगढ़, 28 मार्च:
पंजाब के श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि पंजाब सरकार की सभी मनरेगा श्रमिकों को बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड (बी.ओ.सी. वेलफेयर बोर्ड) में शामिल करने की योजना है।
विधायक दिनेश चड्ढा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि बी ओ सी वेलफेयर बोर्ड के पास 28 मार्च 2025 तक कुल 11,16,651 निर्माण श्रमिक बोर्ड में पंजीकृत हैं, जबकि 1 जनवरी 2022 को यह संख्या 9,63,699 थी। इस प्रकार, पिछले साढ़े तीन वर्षों में 1,52,953 नए निर्माण श्रमिकों को बोर्ड से जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि बोर्ड में पंजीकरण के लिए श्रमिकों को आवेदन देना होता है और 145 रुपये की फीस जमा करनी पड़ती है।
श्रम मंत्री ने आगे बताया कि पंजीकृत श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के लिए समय-समय पर बोर्ड द्वारा शिविर लगाए जा रहे हैं, जिनमें निर्माण श्रमिकों को बोर्ड की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाता है ताकि वे पंजीकरण के बाद इन योजनाओं का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए बोर्ड ने 'पंजाब श्रमिक सहायक' मोबाइल ऐप भी विकसित किया है, जिससे श्रमिक बिना किसी कार्यालय गए, अपने घर से ही पंजीकरण कर सकते हैं।
पंजाब के श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि पंजाब सरकार की सभी मनरेगा श्रमिकों को बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड (बी.ओ.सी. वेलफेयर बोर्ड) में शामिल करने की योजना है।
विधायक दिनेश चड्ढा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि बी ओ सी वेलफेयर बोर्ड के पास 28 मार्च 2025 तक कुल 11,16,651 निर्माण श्रमिक बोर्ड में पंजीकृत हैं, जबकि 1 जनवरी 2022 को यह संख्या 9,63,699 थी। इस प्रकार, पिछले साढ़े तीन वर्षों में 1,52,953 नए निर्माण श्रमिकों को बोर्ड से जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि बोर्ड में पंजीकरण के लिए श्रमिकों को आवेदन देना होता है और 145 रुपये की फीस जमा करनी पड़ती है।
श्रम मंत्री ने आगे बताया कि पंजीकृत श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के लिए समय-समय पर बोर्ड द्वारा शिविर लगाए जा रहे हैं, जिनमें निर्माण श्रमिकों को बोर्ड की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाता है ताकि वे पंजीकरण के बाद इन योजनाओं का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए बोर्ड ने 'पंजाब श्रमिक सहायक' मोबाइल ऐप भी विकसित किया है, जिससे श्रमिक बिना किसी कार्यालय गए, अपने घर से ही पंजीकरण कर सकते हैं।
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