दीनानगर में पंजाब नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने एक दिवसीय नर्सिंग वर्कशॉप करवायी

दीनानगर में पंजाब नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने एक दिवसीय नर्सिंग वर्कशॉप करवायी

दीनानगर, 19 फरवरी ( ) - पंजाब नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल द्वारा आज दीनानगर के एस.एस.एम. कॉलेज में एक दिवसीय नर्सिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें जिला गुरदासपुर और पठानकोट के 450 से अधिक फैकल्टी सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस वर्कशॉप का उद्घाटन पंजाब हेल्थ सिस्टम्स कॉर्पाेरेशन के चेयरमैन श्री रमन बहल द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. पुनित गिरधर, रजिस्ट्रार पंजाब नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल, डॉ. एस.एस. ढिल्लो चेयरमैन सिटी नर्सिंग कॉलेज समेत अन्य पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

नर्सिंग वर्कशॉप का उद्घाटन करते हुए चेयरमैन श्री रमन बहल ने कहा कि नर्सिंग संस्थाओं को शिक्षा की गुणवत्ता को और ऊंचा उठाने पर ध्यान देना चाहिए। नर्सिंग को चिकित्सकीय कार्य का एक अहम हिस्सा मानते हुए श्री बहल ने कहा कि इनडोर मरीजों के इलाज में डॉक्टरों के समान नर्सों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ड्यूटीज़ को लगन और जोश के साथ निभाया जाना चाहिए जो कोर्स की परीक्षा और मूल्यांकन का हिस्सा हो सकती हैं।

श्री रमन बहल ने कहा कि नर्सिंग शिक्षा चिकित्सा कार्य की रीढ़ की हड्डी है और ऐसी सैकड़ों उदाहरण हैं जहां नर्सों ने मुश्किल समय में लोगों को बचाने के लिए अनथक मेहनत की। उन्होंने कहा कि पंजाब में 250 से अधिक नर्सिंग कॉलेज हैं जो हर साल हजारों नर्सिंग छात्रों को प्रशिक्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करके उनके सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण पर ध्यान देना चाहिए।

इस दौरान डॉ. भारत पारिक प्रोफेसर कोऑर्डिनेटर अकाल कॉलेज ऑफ नर्सिंग बड़ू साहिब सिरमौर हिमाचल प्रदेश, डॉ. दविंदर कौर प्रिंसिपल ज्ञान सागर नर्सिंग कॉलेज राजपुरा, डॉ. सुषमा सैनी एसोसिएट प्रोफेसर एन.आई.एन.ई. पी.जी.आई. चंडीगढ़, दिलदीप कौर प्रिंसिपल सरकारी इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग रोपड़, श्रीमती मनप्रीत कौर प्रिंसिपल श्री गुरु रामदास वल्ला द्वारा प्रमुख गतिविधियों में पंजाब में नर्सिंग छात्रों के लिए विशेष चुनौतियों पर पैनल चर्चा, जिला अस्पतालों में छात्रों की क्लिनिकल ट्रेनिंग चुनौतियां और समाधान, जीएनएम और ए.एन.एम. प्रवेश के लिए काउंसलिंग और परीक्षाओं में छात्रों का मूल्यांकन, थ्योरी और क्लिनिकल विषयों पर चर्चा की गई।

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